रवींद्र कुमार शर्मा की दो पुस्तकों का विमोचन,उपस्थित लोगों ने सराहा,

राजेश धर्माणी ने किया विमोचन।
लोक संस्कृति हमारे जीवन का अभिन्न अंग है इसको संरक्षित व संवर्धन करने की बहुत आवश्यकता है -राजेश धर्मानी
घुमारवीं ,बीना चौहान
29 मई 2023
युवा पीढ़ी को हमारी सदियों पुरानी संस्कृति को बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए । लोक संस्कृति हमारे जीवन का अभिन्न अंग है इस को संरक्षित व संवर्धन करने की बहुत आवश्यकता है। यह बात घुमारवीं चुनाव क्षेत्र के विधायक श्री राजेश धर्माणी ने गांव को कुठेड़ा(मराहाणा) में आयोजित श्री रविंद्र कुमार शर्मा की दो पुस्तकों के विमोचन समारोह में कही।भराड़ी तहसील के गांव कुठेड़ा(मराहाणा) में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में साहित्यकार श्री रविंद्र कुमार शर्मा की दो पुस्तकों का विमोचन उनकी पोती नविका के प्रथम जन्म दिवस पर किया गया ।एक पुस्तक पहाड़ी काव्य संग्रह “गुलदस्ते रे फूल्ल” तथा दूसरा हिंदी काव्य संग्रह “कुसुमांजलि” का विमोचन मुख्य अतिथि विधायक श्री राजेश धर्मानी द्वारा किया गया । इस अवसर पर इस समारोह की अध्यक्षता भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ पंकज ललित ने की तथा डॉक्टर लेख राम शर्मा पूर्व विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर तथा डॉ गंगाराम राजी प्रसिद्ध उपन्यासकार अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।इस अवसर पर पुस्तकों के लेखक श्री रवींद्र कुमार शर्मा ने कहा कि लोक संस्कृति को बचाने के लिए बहुत प्रयास की आवश्यकता है।आज की युवा पीढ़ी संस्कारों से दूर जा रही है तथा अपनी संस्कृति को भूल रही है। पहाड़ी काव्य संग्रह “गुलदस्ते रे फुल्ल” से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी तथा अपनी लोक संस्कृति और मां बोली पहाड़ी को समझने वह उसके संवर्धन में मदद मिलेगी । इस काव्य संग्रह में ग्रामीण परिवेश से जुड़ी बहुत सारी कविताएं हैं जो आम जनमानस के जीवन को दर्शाती हैं । डॉ पंकज ललित ने भाषा एवं संस्कृति विभाग से संबंधित बहुत सारी जानकारियां साहित्यकारों को दी तथा कहा कि लेखकों से पुस्तक खरीद के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा जो प्रक्रिया संबंधित अपने सुझाव देगी।मंच संचालन रविंद्र भट्टा ने किया।जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी भी उपस्थित थी।श्री कृष्ण चंद महादेविया ने गुदस्ते रे फुल्ल किताब पर अपनी समीक्षा में किताब की बहुत प्रशंसा की तथा कहा कि इसमें लिखी रचनाएँ न केवल लेखक के मन के गांव व संस्कृति से जुड़े भाव है बल्कि पढ़ती बार ऐसा एहसास होता है जैसे खुद पाठक के मन की बात लिखी गई हो।डॉक्टर लेख राम शर्मा ने अपनी समीक्षा में कहा कि लेखक ने जो रचनाएँ लिखी हैं वह बहुत ही उत्कृट श्रेणी की हैं तथा समाज से जुड़ी कविताएं हैं।इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने दोनों किताबों को बहुत सराहा । इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें बिलासपुर हमीरपुर ऊना व शिमला जिलों से आये साहित्यकारों ने भाग लिया तथा अपनी अपनी प्रस्तुतियों से वाहवाही लूटी। इस भव्य समारोह में काफी संख्या में ग्रामीणों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर बिलासपुर लेखक संघ के अध्यक्ष डॉ रविंद्र ठाकुर व कर्नल जसवंत सिंह चंदेल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस आयोजन में डॉ अनेक राम शर्मा कृष्ण चंद्र महादेविया सुरेंद्र मिश्रा रतनलाल शीला सिंह ललिता कश्यप भीम सिंह नेगी डॉ जय महलवाल लालचंद ठाकुर मनसा पंडित वीणा वर्धन अर्चना चंदेल विजय सहगल करण चंदेल अनूप मस्ताना अरुण डोगरा द्वारका प्रसाद शर्मा रूप शर्मा हेमराज शर्मा नरैणू राम हितेषी प्रवीण कुमार शर्मा अमरनाथ शर्मा रणजोध सिंह प्रमोद कुमार हर्ष अशोक कालिया अनिल जमवाल रविंद्र भट्टा सुख राम आज़ाद संसार चंद भीम सिंह नेगी सुशील पुंडीर डॉ विजय विशाल,संदेश शर्मा के अलावा कई साहित्यकारों ने भाग लिया।सभी उपस्थित साहित्यकारों ने नन्हीं नविका को आशीर्वाद दिया तथा बिलासपुरी धाम का आनंद लिया।

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