महिलाओं को एचआईवी/एड्स, यौन रोगों, महिला सशक्तिकरण व यौन सुरक्षा के बचाव के बारे में जानकारी प्रदान की।
सरकाघाट, 04 सितम्बर-हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी शिमला के निर्देशानुसार व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी के सहयोग से ग्राम पंचायत बसंतपुर के गांव रसैणगलू में स्वैच्छिक जांच जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थय विभाग की ओर से इस अभियान के परामर्शदाता सोनू कुमार ने महिलाओं को एचआईवी/एड्स, यौन रोंगो, महिला सशक्तिकरण व यौन सुरक्षा के बचाव के बारे में जानकारी प्रदान की।पंचायत प्रधान बसंतपुर सुनीता देवी ने जागरूकता शिविर की अध्यक्षता की।
*संक्रमितों के साथ करें समानता का व्यवहार*
परामर्शदाता सोनू कुमार ने बताया कि इस खतरनाक बीमारी के दुष्परिणामों को देखते हुए आज समाज में एचआईवी से ग्रसित लोगों के साथ भेदभाव आम है। उन्होंने कहा लोगों को एड्स की सही जानकारी ना होने से भेदभाव को अधिक बल मिलता है। उन्होंने बताया कि लोगों को एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना खाने, बैठने-उठने या उसे छूने से एड्स नहीं फैलता है, बल्कि यह सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने व असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलता है।
उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों की सहायता से एड्स की स्वयं सही जानकारी लें व लोगों को भी एड्स की सही जानकारी से अवगत करावाएं। तभी एड्स जागरूकता शिविर का मूल उद्देश्य सफल हो पाएगा।
हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर किसी को, हर जगह एचआईवी की रोकथाम, जांच, उपचार और देखभाल तक समान पहुंच हो। परामर्शदाता सोनू कुमार ने पंचायत प्रधान व लोगों से कम्युनिटी बेस्ड स्क्रीनिंग कैंप जिसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी व यौन रोगों, टीवी की स्वेच्छा से जांच करवाने का आग्रह किया गया।
नागरिक चिकित्सलय सरकाघाट के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ देश राज शर्मा ने बताया कि एचआईवी एड्स एक लाइलाज बीमारी है और इससे बचने का एकमात्र उपचार है बचाव । उन्होंने कहा कि जागरूक होना बचाव का एक बेहतर तरीका है। उन्होंने एचआईवी एड्स की रोकथाम एवं इसके उपचार के उपायों को लेकर लोगों को जागरूक होने पर जोर दिया।
जागरुकता अभियान में 50 लोगों ने भाग लिया। शिविर में आशा वर्कर्स, आँगनवाड़ी वर्कर, आँगनवाड़ी हैल्पर और महिला मंडल की महिलाओं ने भाग लिया।
