दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने से प्रदेश के डेयरी किसानों की आर्थिक होगी सुदृढ़—राजेश धर्माणी

हिमाचल सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में जारी तीन गारंटीयों को किया पूरा

बिलासपुर 4 मार्च 2024
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने दूसरे बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा है। दूध उत्पादन को प्रोत्साहित के लिए हिमाचल सरकार ने पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है  ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने से प्रदेश के डेयरी किसानों की आर्थिक सुदृढ़ होगी। यह बात टीसीपी, हाउसिंग एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने ग्राम पंचायत मरहाना, सलाओं उपरली और बम्म  में सरकार गांव के द्वारा कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।
  उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2024 से गाय तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को क्रमश: वर्तमान  गाय के दूध को 38 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपयेे प्रति लीटर और भैंस के दूध को 47 रुपये से 55 रुपये प्रति लीटर के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। ‘हिम-गंगा’ योजना के तहत 2024-25 के दौरान कांगड़ा  में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट प्लांट की स्थापना होगी। । युवाओं और किसानों को क्लेक्शन सेंटर से दूध प्रोसेसिंग प्लांट तक ले जाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान पर 200 रेफ्रीजेरटिड मिल्क वैन उपलब्ध करवाई जाएंगी। निजी गो सदनों में आश्रित गोवंश के लिए अनुदान 700 रुपये प्रति गोवंश से बढ़ाकर 1200 रुपये किया गया है।
उन्होने बताया सरकार ने  तीन ग्रांटियो को पूरा कर दिया गया है सभी ग्रांटियो चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। उन्होने बताया की महिलाओं को 1500 रूपये देने की  गारंटी को लाहौल-स्पीति  से शुरू किया गया है।  पहले चरण  में लाहौल-स्पीति  की महिलाओं को 1500 रूपये दिए गए है।  विधवाओं तथा एकल नारी को घर बनाने के लिए को तीन लाख रु बजट में प्रावधान किया गया ।
उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल में पेश किए गए बजट में समाज के हर वर्ग को राहत देने का प्रयास किया गया है। प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना शुरू होगी बजट में प्रदेश सरकार ने अन्नदाता और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। खेती को रोजगार से जोड़ने के लिए प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 680 करोड रु की राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत सरकार किसानों से प्राकृतिक विधि से तैयार गेहूं 40 रुपए और मक्की को 30 रुपए किलो के हिसाब से खरीदेगी।योजना के तहत हर पंचायत से 10 किसानों को  प्राकृतिक खेती करने के लिए चयन किया जाएगा। योजना में प्रदेश के 36,000 किसान लाभान्वित होंगे।
उन्होने इन पंचायतों में किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए बताया की ग्राम पंचायत सालाओं उपरली के गांव कमलू  की सड़क को  पक्का 15 लाख खर्च  किए जा रहे है , ग्राम पंचायत मराहना की  गांव बग  से विपयाडा सड़क पर 34 लाख रु खर्च किए जा रहे है ।
इस अवसर पर वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के एल शर्मा उद्यान विभाग के एसएमएस अभिषेक वशिष्ठ, कृषि विभाग के एसएमएस बृजेश चंदेल, उद्योग विभाग की प्रसार अधिकारी बलराज शर्मा और  ने अपने-अपने विभागों  की विभिन्न लाभकारी की जानकारियां लोगों को दी।
कार्यक्रम के दौरान तीनों पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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