18 अक्तूबर 2023


हिमाचल किसान सभा की मंडी बल्ह-सुन्दरनगर ब्लॉक कमेटी की बैठक आज नेरचौक में प्रेम चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जोगिन्दर वालिया, रामजी दास, नन्द लाल वर्मा, हेम राज, राजेश शर्मा, जगदीश चंद, सुरेन्द्र आदि भी उपस्थित थे। इस बैठक में किसान सभा के जिला अध्यक्ष कुशाल भारद्वाज ने भी हिस्सा लिया।

ब्लॉक कमेटी बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि आपदा प्रभावित परिवारों के आँगन, बरामदे, खेत-खलिहान, घरों गौशालाओं में आई दरारों एवं हर प्रकार के नुकसान को पटवारियों के रोजनामचे में दर्ज कर विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाये तथा प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन तथा घर के बदले घर दिया जाये। राज्य सरकार को चाहिए कि राहत, पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्य जल्दी शुरू करे तथा हर प्रभावित को हर प्रकार के नुकसान का उचित मुआवजा दे। इसके अलावा केंद्र सरकार इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर 10 हजार करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता प्रदेश को दे। 1980 के वन संरक्षण कानून में या तो संशोधन किया जाये अन्यथा इस कानून को ही रद्द किया जाये। तभी भूमिहीनों व प्रभावितों को जमीन दी जा सकती है क्योंकि सारी वन भूमि केंद्र सरकार के अधीन हैं।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष कुशाल भारद्वाज ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों तथा किसानों के मुद्दों बारे उदासीनता के चलते खेतीबाड़ी उजड़ रही है। मोदी सरकार ने तो किसानों को उजाड़ने तथा उनकी जमीन को पूँजीपतियों के हवाले करने बारे काले कानून भी थोंप दिये। जब पहली बार मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा साकार बनी तो भूमिअधिग्रहण कानून 2013 को एक अध्यादेश के माध्यम से बदल दिया, लेकिन किसानों के एकजुट विरोध के चलते उन्हें कई महीने बाद इस अध्यादेश को वापिस लेना पड़ा था। इसके बाद जब देश को लॉकडाउन में कैद कर दिया गया तो एक और साजिश रचते हुए किसान विरोधी तीन काले अध्यादेश थोंप दिये तथा बाद में संसद में बिना चर्चा के ही उनको पास करके काले कानून बना दिये। लेकिन 715 से अधिक किसानों की शाहादतों तथा देश भर में डेढ़ साल तक चले किसानों के लंबे आंदोलन और इस आंदोलन को देश भर के मजदूरों व अन्य तबकों के समर्थन के बाद मोदी सरकार इन क़ानूनों को निरस्त करने को मजबूर हुई थी।

उन्होंने कहा कि खाद, बीज, कीटनाशक व अन्य प्रकार की सबसिडी खत्म कर दी गई है। किसानों से वादाखिलाफी करते हुए स्वामीनाथन कमीशन की सिफ़ारिशों को लागू नहीं किया है। आंदोलन वापस लेने के दौरान किए गए इस वायदे को कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाया जाएगा को भी केंद्र की भाजपा सरकार ने लागू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बरसात में आई आपदा से प्रभावितों को मुआवजा देने बारे तत्परता से काम नहीं कर रही है और केंद्र सरकार ने तो आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए एक पैसे की भी मदद नहीं की है।

बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए ब्लॉक कमेटी अध्यक्ष प्रेम चौधरी व सचिव रामजी दास ने बताया कि बल्ह व सुन्दरनगर उपमंडलों में बरसात में आई आपदा से हुए नुकसान, कंसा चौक में डम्पिंग साइट से फैलने वाली गंदगी से प्रभावित जनता, आवारा-नकारा पशुओं से हो रही परेशानी, भारी सिल्ट से बर्बाद हुए खेतों, शमशानघाटों के पुनर्निर्माण बारे तथा सब्जी उत्पादकों के मुद्दों बारे विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में रिवाल्सर क्षेत्र के किसान नेता तथा हिमाचल किसान सभा के जिला कमेटी सदस्य परमानन्द शर्मा के मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की गई। बरसात के कहर से से हुई असमय मौतों पर भी शोक प्रकट किया गया। बरसात में तबाह हुए बल्ह क्षेत्र के शमशानघाटों का जल्दी पुनर्निर्माण करने, खेतों में आई भारी सिल्ट को निकलवाने, कंसाचौक पर डम्पिंग से हो रही परेशानी से निजात दिलाने तथा आपदा प्रभावितों को जल्दी मुआवजा देने की भी मांग सरकार से की गई। किसान सभा उपरोक्त मुद्दों पर अभियान चलायेगी तथा 25 नवंबर को शिमला में होने वाले महापाड़ाव में बल्ह व सुन्दरनगर से अपनी मांगों को लेकर 50 आपदा प्रभावित तथा 50 अन्य किसान भी हिस्सा लेंगे। आगामी 3, 4, 5 नवंबर को मंडी में किसानों व खेतीबाड़ी से जुड़े विषयों बारे तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार भी आयोजित किया जायेगा, जिसमें बल्ह सुन्दरनगर कमेटी के पाँच पदाधिकारी हिसा लेंगे।

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