बिलासपुर की महिलाएं सीखेंगी अब हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट,
समाजसेवी संस्था चेतना ने महिला सशक्तिकरण में बढ़ाये नए कदम

विनोद चड्ढा कुठेड़ा बिलासपुर

हिमाचल प्रदेश के साथ साथ अब बिलासपुर जिला की महिलाएं भी हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट में अपना दम दिखाएंगी। समाजसेवी संस्था चेतना ने महिला सशक्तिकरण को लेकर बिलासपुर जिला में हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम में नया अध्याय शुरू किया है। आज चेतना संस्था की संस्थापक और स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्षा डॉ मल्लिका नड्डा ने विजयपुर स्थित चेतना कार्यालय में इसका विधिवत शुभारंभ किया ।उन्होंने चेतना संस्था की ओर से सभी विशिष्ट अतिथियों को टोपी और शॉल पहना कर सम्मानित किया और कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया। डॉक्टर मल्लिका नड्डा ने इस अवसर पर बिलासपुर जिला की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में प्रदेश के कई जिला पहले से ही कार्य कर रहे हैं लेकिन बिलासपुर जिला इससे अभी तक अछूता रहा है। चेतना संस्था ने इस क्षेत्र में भी अब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल करते हुए हैंडलूम और हैंडिक्राफ्ट का प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। जिससे अब बिलासपुर जिला की महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट को बिलासपुर जिला में बड़ावा देने के लिए चंडीगढ़ और हिमाचल के प्रमुख लोगों को शामिल किया गया है ताकि समय समय पर इनकी सहायता ली जा सके। उन्होंने कहा कि देश के यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने के उदेश्य से चेतना संस्था अपना अहम योगदान दे रही है ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनका मान सम्मान बनाया जा सके।
इस अवसर पर शिल्प गुरु की उपाधि से सम्मानित ओमप्रकाश मल्होत्रा ने हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम की विशेषताओं पर कहा कि देश ही नहीं अपितु विदेशों तक भारत वर्ष के हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम उद्योग की प्रसिद्धि है लेकिन अभी भी हिमाचल प्रदेश इसमें बहुत पीछे है। बिलासपुर जिला की महिलाएं इस उद्योग को अपना कर आत्मनिर्भर तो बन ही सकती हैं अपितु एक अच्छी आमदनी का जरिया भी बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश के चंबा रुमाल और कुल्लू शॉल की विदेशों तक धमक बनी हुई है और इन जिलों की महिलाएं आज हैंडलूम से लाखों रुपए अपने घर द्वार कमा रही हैं। इसी कड़ी में बिलासपुर जिला भी अपनी पहचान बना सकता है। इस अवसर पर चंडीगढ़ से आए समाजसेवी जगमोहन ने चेतना संस्था को दो इलेक्ट्रिक स्कूटी भी प्रदान की।संस्था के निदेशक अरुण गौतम ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और बाहर से आए अतिथियों को विश्वास दिलाया कि हैंडलूम के इस प्रोजेक्ट को भी पूरी मेहनत से धरातल पर उतारा जाएगा। कार्यक्रम में चंडीगढ़ हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उद्योग जगत से जुड़े संयम कोचर और राधिका मिनोचा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान चेतना संस्था की नई कार्यकारणी में शामिल हुए नए सदस्यों भी टोपी और शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया।

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