भूस्खलन से बढ़ा बरशेनी और शिल्हा गांव के गिरने का खतरा
सड़के बह जाने से पहाड़ो पर फसे बहुत से भेड़पालक
पंचायत ने डीसी से रखी भूस्खलन रोकने की मांग

7 अगस्त 2023 ,कुल्लू
बी शर्मा

जिला  कुल्लू में जुलाई माह के बाद आई आपदा के बाद भी अभी तक हालात सुधर नहीं पाए हैं। बाढ़ व भूस्खलन के चलते अभी भी कई लोग अपने घरों से बाहर है और कई गांव में अभी भी जमीन धंस रही है। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के बरशेनी पंचायत की बात करें तो यहां पर भी बरशेनी गांव में पार्वती नदी ने खूब तबाही मचाई है। जिसके चलते अब पार्वती नदी के किनारे पर भूस्खलन हो रहा है और  गांव को भी खतरा पैदा हो गया है। वहीं शिल्हा गांव मैं भी भूस्खलन जारी है जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है। बरशेनी पंचायत के प्रधान रविंद्र कुमार ने बताया कि यहां पर भूस्खलन के खतरे के चलते लोग काफी सहमे हुए हैं। इसके अलावा मणिकर्ण से बरशेनी तक सड़क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है और यहां से वाहनों का निकलना भी मुश्किल है। हालांकि इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने डीसी से भी मुलाकात की थी और इस समस्या के समाधान की मांग रखी थी। लेकिन अभी तक सड़क की हालत नहीं सुधर पाई है। पंचायत के प्रधान रविंद्र कुमार का कहना है कि शिल्हा गांव के नीचे भी काफी भूस्खलन हुआ है। ऐसे में अगर आने वाले दिनों में एक बार फिर से पार्वती नदी में बाढ़ आती है तो गांव को काफी खतरा हो सकता है। इसके लिए प्रशासन जल्द से जल्द कदम उठाए। ताकि भूस्खलन की घटना को रोका जा सके। पंचायत के प्रधान रविंद्र कुमार ने बताया कि पार्वती घाटी के कई ऊंचे इलाकों में भेड़ पालक भी अपने भेड़ बकरियों के साथ फस गए हैं। क्योंकि वापस आने के लिए नदी नालों पर जो पुल बने हुए थे वह सब बह गए हैं। हालांकि इसके लिए प्रशासन ने वन विभाग को कार्य करने के निर्देश तो जारी कर दिया गए हैं। लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग रखी है कि जल्द से जल्द नदी नालों पर पुल बनाए जाएं  ताकि भेड़ पालक अपनी भेड़ बकरियों के साथ वापस आ सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *