ढांगू के किसान आज भी सिंचाई सुविधा से वंचित 

इंडो जर्मन स्कीम से मिलता था खेतों को पानी
 नेरचौक,  12 जनवरी (बीना चौहान) बल्ह   विधानसभा के ढांगू निवासी आज भी सिंचाई सुविधा से वंचित है हालांकि  इंडो जर्मन सिंचाई योजना के द्वारा क्षेत्र को  सिंचाई सुविधा  प्रदान की गई थी योजना के बरसों से बंद होने जाने के बाद क्षेत्र सिंचाई सुविधा से वंचित हो गया है कुछ एक किसानों द्वारा अपने स्तर पर  सिंचाई सुविधा के प्रावधान किए गए हैं जिसके चलते वह अपने खेतों में नगदी फसलें उगा पा रहे हैं  बाकी किसानों को सिंचाई सुविधा ना मिलने के कारण उनके खेत बंजर होने के कगार पर पहुंच गए हैं खेतों में  पारंपरिक खेती करना भी मुश्किल रहता है क्योंकि  बारिश ना होने के कारण पैदावार नहीं हो पाती है ढांगू के काबल सिंह, अमर सिंह,लक्ष्मी देवी, भागी रथ, प्रताप,श्याम, पवनी  आदि का कहना है कि ढांगू में इंडो  जर्मन इरिगेशन स्कीम के तहत पहले  तीन पंप हाउस  थे जिस से  सिंचाई हो जाती थी। इंडो जर्मन इरिगेशन स्कीम के तहत चलने वाले इन पंप हाउस को चलती हालत में विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है। आलम यह है कि अब इनके बंद होने से हमारी फसलें सुख  रही हैं।  यहां पर गेहूं के साथ नगदी फसले टमाटर,सब्जी की बीजाई करते थे  सिंचाई करके फसल अच्छी मिल जाती थी। लेकिन अब इसके लिए किसान  बारिश पर ही निर्भर हो गए हैं। बारिश न होने से फसलें सुख जाती हैं। ढांगू में न  इंडो जर्मन योजना चालू है और न ही जैन इरिगेशन की योजना का लाभ मिल पा रहा है। जैन इरिगेशन यहां से बहुत दूर है जो हमारे खेती तक नहीं पहुंचती है। कई बार विभाग से गुहार लगाई है लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। ढांगू के  दो सौ परिवार कृषि कार्य  में लगे हुए है और  एक हजार बीघा  से अधिक जमीन  पर कृषि  करते हैं। इंडो जर्मन सिंचाई योजना के पंप बंद होने से अब खेती करने में मुश्किल आ रही है। इसलिए विभाग से मांग की है  योजना को फिर से चलाया  जाए या अन्य योजना के तहत क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी 
जल शक्ति विभाग मंडल बग्गी के एक्सईएन प्रवीण गुप्ता ने कहा कि योजनाओं के विस्तार के कार्य कर रहा है जो क्षेत्र सिंचाई सुविधा से वंचित रह गए हैं उन तक सिंचाई योजना पहुंचाई जाएगी लोगों को विभाग के पास  सिंचाई सुविधा से जोड़ने की मांग रखी जाएगी तो भविष्य में क्षेत्र के किसान सिंचाई सुविधा प्राप्त कर सकते हैं इंडो जर्मन इरिगेशन स्कीम कई वर्षों से  बंद हो गई है । किसानों को  जैन इरिगेशन से सिंचाई सुविधाएं प्रदान की जा रही है।  खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता तो इसे मांग के आधार पर आगे बढ़ाया जा सकता है। 

 

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