मेडिकल कॉलेज की जमीन के बदले जमीन उपलब्ध करवाना सरकार के लिए बना टेढ़ी खीर
प्रदेश उच्च न्यायालय में किया अरबों रुपए देने का मुजायरा दाखिल
नेरचौक, 15 जुलाई
ब्यूरो
मेडिकल कॉलेज नेरचौक की भूमि पर मालिकाना हक जताने वाले मीर बख्श को जमीन उपलब्ध करवाना सरकार के लिए टेढ़ी खीर बन गया है वहीं दूसरी ओर मीर बख्श ने प्रदेश उच्च न्यायालय में 10 अरब 61 करोड रुपए दिए जाने का मुजायरा दाखिल कर दिया है जिससे कि प्रदेश सरकार की मुसीबते और बढ गई है सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनुपालन करवाने के लिए भंगरोटू निवासी मीर बक्श पुत्र सुल्तान मोहम्मद ने अब प्रदेश उच्च न्यायालय में 10 अरब 61 करोड रुपए दिए जाने का मुजायरा दाखिल किया है।
क्या है पूरा मामला
भारत सरकार द्वारा यह मान लिया गया था कि 1947 में सुल्तान मोहम्मद परिवार सहित पाकिस्तान चला गया है और 1957 में उसकी 110 बीघा जमीन को नीलामी के लिए लगा दिया गया था, जिसमें से कुछ सरकार ने कुछ अपने पास रख ली और इसी जमीन में से ही 8 बीघा सुल्तान मोहम्मद ने नीलामी में खरीद ली। सन 1957 से ही सुल्तान मोहम्मद ने दिल्ली में अपनी 110 बीघा जमीन के लिए इवैक्यू प्रॉपर्टी अपीलेट अथॉरिटी जिसे कस्टोडियन कहा जाता था, उसमें अपील दायर की। 1980 में कस्टोडियन में उन्हें फैसला तो नहीं आया लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। वर्ष 2002 में सुल्तान मोहम्मद के पुत्र मीर बक्श ने प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। वर्ष 2009 में जस्टिस राजीव शर्मा ने मीर बख्श के हक में फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को उन्हें जमीन लौटाने के आदेश जारी किए।
प्रदेश सरकार ने एल पी ए के माध्यम से डिवीजन बेंच में पिटीशन दायर की।
जिसे बेंच द्वारा 2015 में खारिज कर दिया गया और उच्च न्यायालय के 2009 के फैसले को सहित ठहराते हुए मीर बख्श को जमीन देने के आदेश जारी किए।
इसके पश्चात 2015 में प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गई जहां 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी मीर बख्श के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले अनुसार मीर बक्श को 110 बीघा जमीन लौटाने के आदेश दिए। इसी आदेश की पालना करते हुए प्रदेश सरकार को मीर बख्श को 110 बीघा जमीन देना मुश्किल हो रहा है क्योंकि इतना बड़ा जमीन का टुकड़ा आसपास उपलब्ध नहीं है। जिस जमीन का इस केस में जिक्र है उसे पर आज मंडी का मेडिकल कॉलेज , नेरचौक एसडीएम कार्यालय, कृषि व बागवानी के फार्म और कई अन्य सरकारी भवन खड़े हैं।
क्या कहते हैं मीर बख्श
भंगरोटू निवासी मीर बक्श का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए सरकार उन्हें दूरदराज के इलाकों में भूमि देने पर विचार कर रही है जो कि न्याय संगत नहीं है इसलिए उन्होंने अपने वाजिव हक को हासिल करने के लिए प्रदेश उच्च न्यायालय में मुजायरा दाखिल किया है