*प्राकृतिक  खेती के माध्यम  से उत्पन्न अन्न का उपयोग  ही बनेगा   स्वस्थ जीवन का आधार    – चंद्र शेखर*

*सरकाघाट 4 मार्च-*  कृषि प्रद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आतमा) जिला मंडी  द्वारा आज धर्मपुर विधान सभा क्षेत्र के सिद्धपुर में  जिला स्तरीय किसान मेला आयोजित किया गया जिसकी  अध्यक्षता  विधायक चंद्र शेखर ने की ।किसानों को सम्बोधित करते हुए विधायक ने   प्राकृतिक खेती पर बल देते हुए   कृषि वैज्ञानिकों,आतमा प्रोजेक्ट    तथा कृषि  विभाग के  अधिकारियों द्वारा   नवीनतम  तकनीकी  मार्गदर्शन व परम्परागत रसायन मुक्त  खेती पर बल देने     लिए  उनकी श्लाघा की ।उन्होंने कहाकि अच्छा अन्न ,दालें ,सब्जियां तथा मोटे अनाज को  रोजमर्रा के खानपान में   प्रयोग  में लाने से  लोग  स्वस्थ रह पाएंगे ।उन्होंने बताया कि  प्रदेश  सरकार   किसानों के हितों  के संरक्षण के लिए  बचनबद्ध है।सरकार  द्वारा किसानों के   लाभार्थ दूध के  मूल्यों में  बढ़ोतरी  की गई  तथा गाय के दूध का  खरीद मूल्य 36 रूपये  से बढ़ा कर 45 तथा भैंस  के दूध  मूल्य  को 38 से बढाकर 55 रूपये  प्रति  लीटर  कर पशुपालकों को  लाभान्वित  किया गया ।उन्होंने  बेरोजगार युवाओं  को भी खेती  बाडी को अपनाने की सलाह दी ताकि वह सरकार  द्वारा चलाई जा रही  विभिन्न योजनाओं  का लाभ  उठा कर आर्थिक रूप  से स्वावलम्बी  बन सकें ।  उन्होंने  बताया कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में  विकास  कार्यों  को अमलीजामा  दिया  जा रहा है ।मुख्यमंत्री ने 25 जनवरी  को राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व  दिवस  समारोह  धर्मपुर  में  आयोजित कर यहाँ के  लोगों  का मान सम्मान बढाया  तथा करोडों रूपये  विकासात्मक  योजनाओं  को पूरा  करने हेतु  दिए ।विधायक  ने बताया कि मंडप तथा सज्जाओपिपलू में  शीघ्र  ही हिमाचल  राज्य सहकारी बैंक की शाखाएं  खोली जा रही हैं।

 संयुक्त  निदेशक एसपीआईयू  शिमला   डाॅ  रविन्द्र  सिंह  जसरोटिया  ने  किसानों को प्राकृतिक खेती व प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले सभी घटकों के बारे में  जानकारी दी । उन्होंने किसानों  को मोटे अनाज  का महत्व भी समझाया  तथा सरकार  द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की  जानकारी भी दी । 

 परियोजना  निदेशक  आतमा मंडी  राकेश  कुमार  ने मुखयातिथी का स्वागत करते हुए  किसानों को मिश्रित खेती तथा उसके अच्छादन के बारे में  बताते हुए कहा कि मिश्रित खेती में पशुओं से प्राप्त होने वाले गोबर व मूत्र से भूमि की उपजाऊ शक्ति में वृद्धि होती है । मिश्रित खेती वर्ष के अधिकांश समय में नियमित आय का बेहतरीन साधन है।

  किसानों को शून्य लागत प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदे जैसे कम लागत से ज्यादा फसल का लाभ, रसायनिक उर्वरकों के उपयोग से होने वाले विभिन्न प्रकार के प्रदूषण को कम करना आदि के बारे में भी बताया गया|

इस मौके पर  विभिन्न  महिला मंडलों,  स्वयं सहायता समूहों  तथा ग्राम  संगठनों की सदस्यों   ने आकर्षक  सांस्कृतिक कार्यक्रम  भी प्रस्तुत किया ।


इससे  पूर्व  विधायक  ने यहां  मत्सय ,बागवानी,कृषि  विभाग  तथा स्वयं  सहायता समूहों द्वारा  लगाई गई  ज्ञानवर्धक  प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ  व अवलोकन  किया वहीं ड्रोन के माध्यम  से कीटनाशक, उर्वरक आदि  के  छिड़काव को  भी प्रदर्शित किया गया।


 इस अवसर पर संयुक्त निदेशक रविन्द्र  सिंह  जसरोटिया,   ,प्रोजेक्ट निदेशक  आतमा राकेश  कुमार,  डिप्टी प्रोजेक्ट  निदेशक योग राज,  कृषि  विज्ञान  केन्द्र सुंदरनगर के प्रभारी डाॅ  पंकज  सूद ,डाॅ दिनेश,ब्लाक कांग्रेस  अधयक्ष प्रकाश, चेयरमैन बीएलएफए अजय कुमार  सहित  अन्य अधिकारी गण व लगभग  550  किसान  उपस्थित थे।

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