30 अक्टूबर 2023,तरनदीप सिंह ,मंडी

सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के इतिहास विभाग द्वारा सरदार पटेल की 148 वि जयंती के उपलक्ष में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के अमृत महोत्सव सभागार में किया गया । यह दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी स्वराज संघर्ष व राष्ट्र एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान पर आयोजित की गई । इस संगोष्ठी का उद्घाटन सत्र 30 अक्टूबर 2023 को विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया । दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर ओम जी उपाध्याय सदस्य सचिव भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली रहे । विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर चेतराम गर्ग निदेशक ठाकुर राम सिंह इतिहास शोध संस्थान हमीरपुर, तथा कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर अनुपमा सिंह प्रतिकूलपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी रही । सरदार वल्लभभाई पटेल पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में बीज वक्तव्य डॉक्टर बसंत पटेल सह आचार्य इतिहास विभाग सरदार पटेल विश्वविद्यालय विद्यानगर गुजरात द्वारा दिया गया । इस अवसर पर सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी द्वारा गुजरात विश्वविद्यालय एवं मगध विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किए गए । गुजरात विश्वविद्यालय से डॉक्टर बसंत पटेल सह आचार्य इतिहास विभाग सरदार पटेल विश्वविद्यालय विद्यानगर गुजरात तथा मगध विश्वविद्यालय से आचार्य मुकेश कुमार विभाग अध्यक्ष इतिहास मगध विश्वविद्यालय बोधगया बिहार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के प्रति कुलपति प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के समन्वयक डॉ राकेश कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है । इस संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से आए हुए आचार्य, सह आचार्य एवं शोधार्थियों ने अपने शोध प्रस्तुत किया । आचार्य राजेश कुमार शर्मा अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास परिषद सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी द्वारा समस्त अतिथियों का स्वागत एवं परिचय दिया गया । इस अवसर पर संगोष्ठी सामरिक का भी विमोचन किया गया । मंच संचालन डॉक्टर रामपाल इतिहास विभाग सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव डॉ राकेश कुमार शर्मा संगोष्ठी समन्वय द्वारा प्रस्तुत किया गया । इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के सभी विभाग अध्यक्ष, शिक्षक, छात्र एवं गैर शिक्षक भी मौजूद रहे ।

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