कसारला निवासी 30 वर्षीय प्रवीण कुमार जूझ रहा है जिंदगी और मौत से
नेरचौक, 7 अगस्त

एक वर्ष पहले हादसे में घायल 30 वर्षीय प्रवीण कुमार जिंदगी और मौत से जूझ रहा है परिवार दिन-रात उसकी देखरेख कर स्वस्थ होने की उम्मीद लगाए बैठा है लेकिन गरीबी आड़े आने से अब इलाज करवाना मुश्किल हो गया है प्रवीण कुमार पुत्र दत्त राम निवासी कसारला जिसका पिछले वर्ष घर के पास एक हादसे में कमर से नीचे का हिस्सा सुन पड गया था। धीरे धीरे शरीर ऊपर की ओर सुन पड़ने लगा। गर्दन से नीचे का हिस्सा पूरा सुन पड़ गया है। वर्ष भर इलाज के लिए लाखों खर्च हो चुके हैं। प्रवीण का उपचार चंडीगढ़ पीजीआई से चल रहा है। लेकिन पारिवार की आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण अब उपचार करवाना मुश्किल हो रहा है। चिकित्सकों ने गर्दन की सर्जरी की थी जिस से हाथ थोड़े बहुत काम करने लगे हैं। लेकिन पैसों की कमी बड़ों बड़ों का हौसला तोड़ देती है। ऐसा ही प्रवीण कुमार के साथ भी हो रहा है। अब आगे के उपचार के लिए चिकित्सकों ने दस से पंद्रह लाख रुपए का खर्चा बताया है । यह इलाज होगा तभी शरीर का बाकी हिस्सा काम करने के काबिल हो सकता है। प्रवीण कुमार ने लोगों से सहयोग की गुहार लगाई है। ताकि वह अपना इलाज करवा नई जिंदगी जी सके। जब से प्रवीण दुर्घटना में घायल हुआ है परिवार की कमाई का सहारा भी नही रहा है।
प्रवीण कुमार के पिता दत्त राम का भी कुछ वर्ष पहले एक दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूट गई है। जिस कारण वह कुछ करने में असमर्थ है। माता तृप्ता देवी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। गरीब परिवार की सहायता के लिए ग्रामीणों व रिश्तेदारों ने हाथ आगे बढाया है। जिस कारण आज तक वह प्रवीण का इलाज करवा पाए हैं।
माता तृप्ता का कहना है कि पिछले वर्ष अगस्त में घर के पास हादसे में गंभीर घायल हो गया था। पीजीआई चंडीगढ़ से उपचार जारी है रोजाना मरहम पट्टी का खर्चा निकालना भी अब मुश्किल हो गया है पीजीआई में हिम केयर कार्ड भी नही चलता। सरकार की ओर से अभी तक कोई सहायता नहीं मिल पाई है। सरकारी योजनाओं में भी आर्थिक सहायता के लिए औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई है लेकिन अभी तक कोई सहायता उन्हें नहीं मिल रही है प्रवीण कुमार कुछ भी स्वयं नहीं कर पाता। उसे शौचालय के लिए रोजाना डाइपर लगाना पड़ता है। पेशाब की नली लगाई गई है। बिस्तर पर पड़े रहने से शरीर में जख्म हो रहे हैं। कमर में बड़ा जख्म हो गया है । प्रवीण कुमार ने सभी से थोड़े थोड़े पैसों की सहायता की गुहार लगाई है ताकि वह अपना इलाज करवा सके। कोई भी दानी सज्जन प्रवीण कुमार के बैंक खाते में पैसा भेज सकता है।

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