आशा वर्करों ने मुख्यमंत्री से मिल कर मांगा 8 हजार रूपए मासिक मानदेय
मंडी, 20 फरवरी। आशा वर्करों ने शनिवार को शिमला में मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी मांगें उठाई जिनमें प्रमुख तौर पर मासिक मानदेय 8 हजार रूप्ए करने की मांग रही। मंडी जिला आशा वर्कर संघ की प्रधान सुनीता शर्मा ने शिमला से बताया कि भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले प्रदेश महामंत्री मंगत राम नेगी की अध्यक्षता में आशा वर्करों का प्रतिनिधिमंडल शिमला सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मिला। उन्हें ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि आशा कार्यकर्ता जो कोरोना महामारी काल में बढ़ चढ़ कर दिन रात सरकार का सहयोग करते हुए पीड़ितों की पूरी तन्मयता के साथ सेवा करती रही हैं, सरकार द्वारा जन हितार्थ योजनाओं को क्रियान्विंत करने में सदैव क्रियाशील रहती हैं को सरकार महज 2 हजार रूपए मासिक मानदेय देती है। भारतीय मजदूर संघ ने मांग उठाई है कि आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, पड़ोसी राज्य हरियाणा की तर्ज पर आशा कार्यकर्ताओं को कम से कम 8 हजार रूपए मासिक मानदेय दिया जाए, सभी कार्यकर्ताओं को साप्ताहिक अर्जित अस्वस्थता एवं प्रसूति अवकाश दिया जाए, संस्थागत प्रसूति के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली राशि केवल अनुसूचित जाति की महिलाओं को ही दी जाती है को सभी संस्थागत प्रसूति महिलाओं को दी जाए। इन मांगों पर गौर करके अमल करने की मांग आशा कार्यकर्ताओं ने उठाई है। मंडी जिला प्रधान सुनीता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को ध्यान से सुना व सरकार की ओर से इस दिशा में कदम उठाने का भरोसा दिया।