आईजीईएमसी के लिए रेफर की गई मथुरा देवी की मौत,पाधरु गांव के ग्रामीणो ने मेडिकल कालेज नेरचौक की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल 

मंडी, 1 फरवरी

नाचन के पाधरु गांव में बीमार सास की मौत के दो दिन बाद अचानक बिगड़ी बहु मथुरा देवी (47) की तबियत भी खराब हो जाने के कारण उसकी मौत हो गई। पीड़ित परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के मुखिया सुरेश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण ही समय पर इलाज न मिलने से पत्नी मथुरा देवी की मौत होने की बात कही है। पूरा परिवार सदमे में है। पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रागण में ही एम्बुलेंस खड़ी थी लेकिन अस्पताल प्रशासन एम्बुलेंस न होने की बात कह रहा था। पीड़ित परिवार ने बार बार प्रशासन से एम्बुलेंस देने की बात कही लेकिन प्रशासन एम्बुलेंस कोविड पेशेंट के लिए है का बहाना लगाती रही। पीड़ित परिवार के हंस राज ने बताया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में कॉल करने के उपरांत ही जो एम्बुलेंस मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़ी थी वही एम्बुलेंस ढाई घंटे बाद पीड़ित परिवार को मुहैया कराई गई। परिवार का आरोप है कि ढाई घंटे पहले ही अगर खड़ी एम्बुलेंस मिल जाती तो मथुरा देवी आज जीवित होती।

पीड़ित परिवार ने मेडिकल कालेज नेरचौक की कार्यप्रणाली पर दर्जनों स्वाल उठाए है। परिवार के सदस्यों में मथुरा देवी के दो बच्चों  डॉली शर्मा व दीक्षित ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि अगर समय पर  एम्बुलेंस मिल जाती तो आज हमारी माँ जिंदा होती। सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देरी से मिलने और अस्पताल प्रबंधन द्वारा समय पर एम्बुलेंस न उपलब्ध करवाने के चलते पहले मथुरा देवी को जोनल अस्पताल मण्डी रेफर किया गया, फिर वँहा से आईजीईएमसी के लिए रेफर किया गया शिमला ले जाते समय मथुरा देवी ने सुन्दरनगर के समीप दम तोड़ दिया।
पाधरु गांव के ग्रामीणो में भारी आक्रोश
सरकार से लगाई स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों पर  कार्रवाई की मांग
कोरोना टेस्ट में बहु और सास निकले थे नेगटिव

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